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अग्नि-5 मिसाइल: भारत की रणनीतिक ताकत, जो आधे विश्व को बना सकती है राख

भारत ने पिछले कुछ दशकों में रक्षा क्षेत्र में ऐसी उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिन पर हर भारतीय को गर्व है। मिसाइल टेक्नोलॉजी में स्वदेशी क्षमता के चलते भारत आज उस स्थिति में खड़ा है, जहाँ उसका नाम दुनिया की बड़ी सैन्य ताकतों के साथ लिया जाता है। इन उपलब्धियों में अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) सबसे अहम है।
यह मिसाइल इतनी ताकतवर है कि सिर्फ कुछ ही मिनटों में पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के बड़े हिस्से सहित दुनिया के आधे क्षेत्र को तबाह कर सकती है। यह केवल एक हथियार नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा और कूटनीतिक शक्ति का प्रतीक है।


अग्नि-5 मिसाइल क्या है?

अग्नि-5 एक Intercontinental Ballistic Missile (ICBM) है, जिसे भारत ने पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक के आधार पर विकसित किया है।

  • इसकी मारक क्षमता लगभग 5000-8000 किलोमीटर तक है।

  • यह परमाणु हथियार (Nuclear Warhead) ले जाने में सक्षम है।

  • इसमें अत्याधुनिक Ring Laser Gyroscope और Inertial Navigation System (INS) लगा है, जो इसे बेहद सटीक बनाता है।

इसका विकास Defence Research and Development Organisation (DRDO) ने किया और पहली बार 2012 में इसका परीक्षण किया गया। इसके बाद से भारत ने इसे कई बार सफलतापूर्वक टेस्ट किया है।


अग्नि मिसाइल श्रृंखला का विकास

भारत ने आत्मनिर्भर बनने के लिए Integrated Guided Missile Development Programme (IGMDP) की शुरुआत 1983 में की थी।
इस कार्यक्रम के तहत कई मिसाइलें विकसित की गईं:

  • पृथ्वी (Surface-to-Surface Missile)

  • आकाश (Surface-to-Air Missile)

  • त्रिशूल (Short-Range SAM)

  • नाग (Anti-Tank Guided Missile)

  • अग्नि सीरीज (Ballistic Missiles)

अग्नि सीरीज को अलग-अलग रेंज के हिसाब से तैयार किया गया:

  • अग्नि-1 : 700–1200 किमी

  • अग्नि-2 : 2000 किमी

  • अग्नि-3 : 3000–3500 किमी

  • अग्नि-4 : 4000 किमी

  • अग्नि-5 : 5000+ किमी

  • (भविष्य की योजना) अग्नि-6 : 8000–10000 किमी


अग्नि-5 की प्रमुख विशेषताएँ

  1. लंबी रेंज – 5000–8000 किमी तक मार करने की क्षमता।

  2. पेलोड क्षमता – 1500 किलोग्राम तक का परमाणु वारहेड ले जा सकती है।

  3. थ्री-स्टेज सॉलिड फ्यूल टेक्नोलॉजी – लंबे समय तक सुरक्षित और तेज़ लॉन्च।

  4. MIRV टेक्नोलॉजी (Multiple Independently targetable Reentry Vehicle) – एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला करने की क्षमता।

  5. मोबाइल लॉन्चर से प्रक्षेपण – रोड और रेल आधारित लॉन्चिंग की क्षमता।

  6. सटीक निशाना – CEP (Circular Error Probable) बेहद कम, यानी लक्ष्य से कुछ मीटर की दूरी पर ही वार।


पाकिस्तान और चीन के लिए खतरा

अग्नि-5 की रेंज भारत को ऐसी सामरिक बढ़त देती है, जो पाकिस्तान और चीन दोनों पर हावी है।

  • पाकिस्तान: पाकिस्तान की पूरी जमीनी सीमा और सभी प्रमुख सैन्य ठिकाने अग्नि-5 की पहुंच में हैं। किसी भी हमले की स्थिति में भारत चंद मिनटों में जवाबी कार्रवाई कर सकता है।

  • चीन: बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझू जैसे चीन के प्रमुख शहर भी इसकी रेंज में हैं। इस कारण चीन भारत को हल्के में नहीं ले सकता।


वैश्विक स्तर पर संदेश

अग्नि-5 केवल भारत की सैन्य क्षमता नहीं दिखाता, बल्कि यह दुनिया को यह संदेश भी देता है कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा पर समझौता नहीं करेगा।

  • यह मिसाइल भारत को Nuclear Triad (थल, जल और वायु आधारित परमाणु क्षमता) में मजबूती प्रदान करती है।

  • इससे भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता और वैश्विक कूटनीति में और अधिक प्रभावशाली बन सकता है।

  • पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका और यूरोप, के लिए यह एक संकेत है कि भारत एशिया में एक मजबूत बैलेंसिंग पावर है।


अग्नि-5 और “नो फर्स्ट यूज़” नीति

भारत की परमाणु नीति हमेशा से “No First Use” (पहले इस्तेमाल न करने) की रही है।
इसका मतलब है कि भारत कभी भी किसी देश पर पहले परमाणु हमला नहीं करेगा।
लेकिन अगर कोई देश भारत पर हमला करता है, तो भारत इतनी ताकत से जवाब देगा कि दुश्मन के पास खड़े होने की क्षमता भी नहीं बचेगी।
अग्नि-5 इस नीति को और मजबूत बनाती है।


अग्नि-5 और Make in India

  • यह मिसाइल पूरी तरह से भारत में बनी है।

  • इससे भारत की टेक्नोलॉजिकल आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिला है।

  • यह “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” मिशन का बेहतरीन उदाहरण है।


आलोचना और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अग्नि-5 के सफल परीक्षण के बाद,

  • पाकिस्तान ने हमेशा विरोध जताया और कहा कि इससे क्षेत्र में हथियारों की दौड़ बढ़ेगी।

  • चीन ने भी इसे लेकर चिंता जताई, लेकिन वह जानता है कि भारत केवल अपनी सुरक्षा के लिए इसे विकसित कर रहा है।

  • अमेरिका और यूरोप ने इसे भारत की तकनीकी उपलब्धि के रूप में स्वीकार किया और खुले तौर पर विरोध नहीं किया।


भविष्य: अग्नि-6 और उससे आगे

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत अग्नि-6 पर भी काम कर रहा है, जिसकी रेंज 8000–10000 किमी तक हो सकती है।
इसका मतलब होगा कि भारत पूरी दुनिया को अपनी मिसाइल रेंज में ले आएगा।


निष्कर्ष

अग्नि-5 केवल एक मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सुरक्षा कवच है।
यह दुश्मन देशों को साफ चेतावनी देती है कि अगर भारत पर कोई हमला करने की कोशिश करेगा, तो उसका परिणाम विनाशकारी होगा।
इस मिसाइल ने भारत को रक्षा के क्षेत्र में एक नए मुकाम पर पहुँचा दिया है, जहाँ अब भारत को नज़रअंदाज़ करना किसी भी देश के लिए आसान नहीं।

एक साधारण वाक्य में कहा जाए तो –
“अग्नि-5 भारत की वह शक्ति है, जो न केवल पाकिस्तान और चीन, बल्कि आधी दुनिया को भी पल भर में राख में बदल सकती है।”

admin

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