जयशंकर का मास्टरस्ट्रोक: ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच रूसी कंपनियों को भारत आने का न्यौता

ट्रंप के टैरिफ वॉर पर जयशंकर का मास्टरस्ट्रोक, रूसी कंपनियों से कहा- चलो इंडिया
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है जिसमें उन्होंने रूसी कंपनियों से भारत की ओर आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ और व्यापार युद्ध के कारण, भारतीय बाजार में रूसी कंपनियों के लिए एक सुवर्ण अवसर है। जयशंकर का कहना है कि भारत एक विविध और विस्तृत बाजार प्रदान करता है, जिसमें कई प्रकार के उत्पादों और सेवाओं की मांग है। यह समय है जब रूसी कंपनियाँ आपसी सहयोग के लिए आगे आएं और भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाएं।
इस संदर्भ में, जयशंकर ने उल्लेख किया कि भारत और रूस के बीच हमेशा एक सशक्त संबंध रहा है और यह दो देशों के लिए एक बेहतर भविष्य की ओर मार्ग प्रशस्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश का वातावरण सकारात्मक है और इसके लिए रूसी कंपनियाँ भरपूर लाभ कमा सकती हैं।
रूस ने दी तेल पर छूट तो जयशंकर ने रूसी कंपनियों से कह दी बड़ी बात
हाल ही में, रूस ने भारत को तेल पर छूट देने का ऐलान किया। इस पर टिप्पणी करते हुए, जयशंकर ने कहा कि यह एक संभावित लाभ है, जिसका सभी देशों को फायदा होगा। उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया कि भारत ऊर्जा के मामले में विभिन्न स्रोतों से अधिग्रहण करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह नीति देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
जयशंकर ने कहा कि रूस का सहयोग भारत के लिए बहु-आयामी है, और दोनों देशों के बीच ऊर्जा, सुरक्षा और व्यापार के मोर्चे पर सामूहिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उनका यह बयान इस तथ्य को रेखांकित करता है कि भारत वैश्विक ऊर्जा बाजार में अपनी स्थिति को मजबूती देने के लिए तत्पर है।
भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार नहीं… जयशंकर ने ट्रंप को दिखाया आईना, मॉस्को में अमेरिका पर बरसे
जयशंकर ने हाल ही में मॉस्को में एक संवाददाता सम्मेलन में यह स्पष्ट किया कि भारत अब रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार नहीं है। इसका उत्तर देते हुए उन्होंने अमेरिकी प्रशासन की आलोचना की और कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए विभिन्न स्रोतों की खोज कर रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा कि अमेरिका को यह समझना चाहिए कि भारत अपने हितों की रक्षा के लिए स्वतंत्र है और इसे किसी भी प्रकार के डिक्टेट करने की आवश्यकता नहीं है।
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक संतुलित नीति अपनाएगा। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा सभी देशों के साथ बातचीत और सहयोग करने के लिए तत्पर रहेगा, लेकिन यह अन्य देशों के दबाव में नहीं आएगा।
एनर्जी मार्केट पर अमेरिका दे रहा था भारत को लेक्चर, जयशंकर ने दिया कड़क जवाब, रूस से तेल खरीदने का किया बचाव
जब अमेरिका ने भारत को ऊर्जा बाजार में उसके कदमों के बारे में नसीहत दी, तो जयशंकर ने कड़ा जवाब दिया। उन्होंने दावा किया कि भारत की नीति आवश्यकतामूलक है और यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा की बात हो तो भारत दौड़ में पीछे नहीं रह सकता। जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा सभी देशों के साथ अपने आत्मनिर्भरता के अनुसार संबंध बनाए हैं।
जयशंकर ने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि सभी देशों के ऊर्जा संबंधों को उनके राष्ट्रीय हितों के अनुसार ही बनाना चाहिए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत रूस से तेल खरीदने को लेकर एक सही रणनीति अपना रहा है, जो उसकी ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करेगा।
S Jaishankar Russia Visit: सर्गेई लावरोव से मिलकर भारत-रूस बनाएंगे बड़ा प्लान, Trade Deal भी बढ़ेगी
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का रूस दौरा दो देशों के संबंधों को और मजबूत करने का एक सही मौका है। इस दौरे के दौरान, उन्होंने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि व्यापार और निवेश के प्रति दोनों देशों की सोच में समानता है, और यह रिश्ते अगले स्तर पर पहुँचाने का समय है।
जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में समझौतों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इस दौरान, उन्होंने विशिष्ट उत्पादों और सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की, ताकि व्यापारिक संतुलन बना रहे। जयशंकर का मानना है कि भारत और रूस के बीच व्यापारिक साझेदारी से न केवल दोनों देशों के आर्थिक विकास में सहारा मिलेगा, बल्कि वैश्विक परिदृश्य में भी एक सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकेगा।