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DPL 2025: स्टॉर्म के गेंदबाजों ने नहीं छोड़ा मौका, वीरेंद्र सहवाग के बेटे ने अपने डेब्यू में दिखाया कौशल

डीपीएल 2025: स्टॉर्मी बॉलर ने भी नहीं छोड़ा … वीरेंद्र सहवाग के बेटे ने अपने डेब्यू में चौकस, पिता की एक झलक मार दी

वीरेंद्र सहवाग के बेटे आर्यवीर ने डीपीएल 2025 में अपने डेब्यू के साथ काफी ध्यान आकर्षित किया। उनकी खेल शैली में स्पष्ट रूप से उनके पिता का निशान दिखाई दे रहा था। उन्होंने अपने खेल में जो ऊर्जा और उत्साह दिखाया, उसने सभी को प्रभावित किया। उनके प्रदर्शन ने न केवल दर्शकों का मन मोह लिया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि क्रिकेट का यह जीन उनके परिवार में कैसे चलता आया है।

आर्यवीर ने अपनी पहली पारी में ही चौके और छक्कों की झड़ी लगाई। उनके शॉट्स की तकनीक और चयन ने दर्शकों को एक बार फिर से उनकी पिता की याद दिला दी। इस मैच के दौरान, उन्होंने न केवल चौके और छक्के मारे, बल्कि अपने संतुलन और दृष्टि से यह दर्शाया कि वे अपने खेल में कितने आत्मविश्वासी हैं।

वीरेन्द्र सहवाग के बेटे आर्येयर ने डीपीएल की शुरुआत की

जब डीपीएल की शुरुआत हुई, तो सभी की निगाहें आर्यवीर पर थीं। क्रिकेट में उनकी रुचि किसी छिपी हुई चीज़ नहीं है। उनका शुरुआती प्रदर्शन बेहद शानदार था। आर्यवीर ने कहा कि जब भी वे बैट पकड़ते हैं, तो उन्हें अपने पिता की याद आती है। वीरेंद्र सहवाग का क्रिकेट करियर प्रेरणा का स्रोत रहा है और उनसे प्रेरित होकर इस युवा ने अपने खेल को आगे बढ़ाया है।

आर्यवीर ने अपनी पारी के दौरान एक विशेष बल्लेबाज के रूप में उभरकर सामने आए। उनके बैटिंग की तकनीक, पैरों की गति और गेंद देख पाने की क्षमता ने दर्शकों को मोहित किया। स्पष्ट था कि उन्हें अपने खेल पर गर्व है और वे इसे आगे बढ़ाते रहना चाहते हैं।

‘घर के चिकन दाल के बराबर’, सहवाग के बेटे को पापा याद है

आर्यवीर ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी जिंदगी में क्रिकेट का महत्व कितना है। उन्होंने अपनी पारी के दौरान अपने पिता की यादों को साझा करते हुए कहा, “जब मैं बैटिंग करता हूं, तब मुझे लगता है कि पापा मेरे साथ हैं।” यह अकेला बयान ही उनके और उनके पिता के बीच के गहरे बंधन को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि जब भी वे घर में चिकन दाल खाते हैं, तो उन्हें याद आता है कि पापा हमेशा इस डिश को बहुत पसंद करते थे। यह एक साधारण सा उदाहरण उनके पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के इमोशन्स को जोड़ता है। क्रिकेट उनके परिवार की एक पहचान है, और आर्यवीर इसे आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

वीरेंद्र सहवाग के बेटे आर्यवीर का वेतन कितना है?

आर्यवीर के करियर की शुरुआत के साथ ही इसके आर्थिक पहलू भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं। उनके वेतन को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, आर्यवीर को पहली बार खेलने के लिए एक अच्छी खासी राशि मिली है। खेल जगत में आने वाले नए खिलाड़ियों के लिए प्रायोजकों का भी बड़ा हाथ होता है। ऐसे में आर्यवीर भी इस मामले में अपवाद नहीं हैं।

उन्हें मिलने वाली वित्तीय मदद क्रिकेट में उनके भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत देती है। उनकी प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए प्रायोजक भी इस युवा खिलाड़ी पर भरोसा कर रहे हैं। यही नहीं, उन्हें एक नया करार भी मिल रहा है जो उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

आर्यवीर ने गिल को धोनी और रोहित से बेहतर बताया

आर्यवीर ने अपने सहपाठियों और अन्य खिलाड़ियों के साथ बातचीत में कहा कि विराट कोहली और शिखर धवन जैसे बल्लेबाजों की सफलताओं से प्रेरणा लेते हैं। परंतु, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें शुभमन गिल में एक खास क्षमता दिखती है। गिल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह गिल को महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा से भी बेहतर मानते हैं।

यह टिप्पणी दर्शाती है कि आर्यवीर क्रिकेट के प्रति कितने गंभीर हैं और वह किस तरह के खिलाड़ी के रूप में उभरने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने क्रिकेट की तकनीकी और मानसिक पक्ष को समझने की प्रयास किया है और इससे यह साबित होता है कि युवा खिलाड़ियों में कड़ी प्रतिस्पर्धा भी है।

पापा की छाया से निकलकर अपने रास्ते पर चलना

आर्यवीर की यात्रा इस क्षण विशेष में रुकती नहीं है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा अपने पिता के प्रभाव को अपने साथ रखते हैं, लेकिन अब वह अपनी पहचान बनाने की ओर अग्रसर हैं। भारतीय क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए उनकी मेहनत और जुनून है।

आगे की राह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन आर्यवीर ने अपने आपको साबित करने के लिए उचित तैयारी की है। वह जानता है कि हर कदम पर मेहनत और लगन जरूरी है। साथ ही, क्या वे अपने पिता की सफलता को दोहरा पाएंगे, यह देखने के लिए क्रिकेट प्रेमियों को इंतजार करना होगा।

निष्कर्ष

वीरेंद्र सहवाग के बेटे आर्यवीर अपने खेल और मेहनत से सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। उनकी क्रिकेट यात्रा में न केवल उनकी मेहनत और लगन है, बल्कि उनके प父 का आदर्श भी है।

आर्यवीर की कहानी इस बात का प्रमाण है कि क्रिकेट में परिवार का महत्व कैसे होता है। जबकि उनके लिए रास्ता आसान नहीं होगा, लेकिन उनकी लगन और मेहनत उन्हें अपने लक्ष्यों तक पहुंचाने में मदद करेगी। क्रिकेट के मैदान पर उनके कदमों की गूंज भविष्य में भी सुनी जाएगी, और उनका नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

युवाओं के लिए आर्यवीर का यह सफर प्रेरणा बनी रह सकती है, क्योंकि वह यह साबित कर रहे हैं कि सही दिशा, लगन और मेहनत से कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है।

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