योगी आदित्यनाथ ने बताया, ‘बीमारू राज्य’ की परिकल्पना का श्रेय किसे है?

उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य बना देने का खुलासा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक बयान में यह जिक्र किया कि यूपी को ‘बीमारू राज्य’ किसने बनाया। उनका ये बयान उस समय आया जब उन्होंने राज्य में विकास के लिए किए गए प्रयासों को उजागर किया। उन्होंने ये भी बताया कि किस प्रकार की राजनीति ने उत्तर प्रदेश की इस स्थिति को जन्म दिया।
थारू जनजातियों की बेटियों का चयन
मुख्यमंत्री योगी ने थारू जनजातियों की बेटियों के चयन पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इन बेटियों की क्षमता और प्रतिभा को पहचानने की आवश्यकता है। उनके स्थान पर उच्च शिक्षा और रोजगार की अनिवार्यता के बारे में भी मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी।
मुख्य सेविकाओं के नियुक्ति पत्र
हाल ही में, नोएडा में चयनित मुख्य सेविकाओं को नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं। यह आयोजन खासकर उन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह उपलब्धि हासिल की। अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करने के लिए इस घटना को महत्त्वपूर्ण बताया गया।
नियुक्ति पत्रों का वितरण
इस दौरान, 12 मुख्य सेविकाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। यह कार्रवाई सरकार की महिलाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाती है। इसके जरिए, सरकार उन महिलाओं को आगे लाने की कोशिश कर रही है, जो समाज में बदलाव ला सकती हैं।
उघरपुर की बेटी का ऐतिहासिक चयन
उघरपुर की एक होनहार बेटी ने विषम परिस्थितियों में पढ़ाई कर मुख्य सेविका का पद पाया है। यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है बल्कि यह भी दर्शाती है कि अगर मन में दृढ़ संकल्प हो तो किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।
समापन
इन घोषणाओं और घटनाओं के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार स्पष्ट संकेत दे रही है कि वह महिलाओं के विकास और उनके अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है। उनकीUME मुख्य सेविकाओं को अवसर प्रदान करना और थारू जनजातियों की बेटियों को पहचानना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
इन सभी घटनाओं को देखते हुए, यह स्पष्ट होता है कि राज्य में विकास की दिशा में एक सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है।