अमेरिका और ट्रंप के शासन पर खतरे, पुतिन ने ‘वर्दी युग’ के समापन का आह्वान किया – इंडिया टीवी हिंदी

अमेरिका और डोनाल्ड ट्रम्प: एक नया युग
अमेरिका में शासन के लिए खतरनाक और चुनौतीपूर्ण समय के बीच, व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में ‘वर्दी की दुनिया’ के अंत की आवश्यकता पर विचार किया है। उनकी यह टिप्पणी इस बात का संकेत है कि वे वैश्विक राजनीति में न केवल अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं, बल्कि उन्होंने वैश्विक सुरक्षा और शासन के नए समीकरणों को भी उजागर किया है। पुतिन की यह सोच दर्शाती है कि विश्व में एक नई गतिकी की आवश्यकताएँ हैं, जिसमें सैन्य शक्ति के बजाय कूटनीतिक वार्ता और संबंधों की मजबूती पर जोर दिया जाना चाहिए।
कूटनीतिकतासम्मति: भारतीय और चीनी संवाद की चुनौती
पुतिन ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है कि कोई भी देश भारत और चीन से संवाद स्थापित करने में सक्षम नहीं है। यह बात उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कूटनीति पर आधारित सिखाई। पुतिन की ये टिप्पणियाँ वैश्विक बातचीत की जटिलता और क्षेत्रीय शक्तियों के बीच बढ़ते तनाव को स्पष्ट करती हैं। उनके अनुसार, वैश्विक राजनीति में कूटनीतिक संवाद सामरिक तकरारों की तुलना में कहीं अधिक मायने रखता है।
SCO शिखर सम्मेलन 2025: एक नई दिशा
भविष्य में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन को लेकर पुतिन ने भारत और चीन की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग और समझौता न केवल एशिया की स्थिरता के लिए आवश्यक है, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। पुतिन का यह बयान यूक्रेन में जारी संघर्ष के संदर्भ में और भी अधिक महत्वपूर्ण बन जाता है, जब उन्होंने तख्तापलट के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए यह स्पष्ट किया कि आज की परिस्थितियों में नीति निर्धारण कैसे किया जाना चाहिए।
ट्रम्प का कूटनीतिक परिदृश्य और पुतिन का दृष्टिकोण
पुतिन ने यह भी उल्लेख किया है कि ट्रम्प के कार्यकाल में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ संवाद का अभाव रहा है। यह बात इस दृष्टिकोण को बढ़ावा देती है कि शक्तिशाली देशों के बीच संवाद की कमी से वैश्विक अस्थिरता बढ़ सकती है। पुतिन का यह बयान सिर्फ यूक्रेन के बारे में नहीं है, बल्कि यह व्यापक रूप से कूटनीतिक समझदारी और समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
वैश्विक राजनीति का नया चेहरा
वैश्विक राजनीति में ये सभी घटनाएँ एक नए अध्याय की शुरुआत को दर्शाती हैं। जहाँ एक ओर सामरिक शक्ति और संप्रभुता कायम रखने के प्रयास हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर संवाद और कूटनीति के महत्व को भी समझा जा रहा है। आज के दौर में, जहाँ देशों के बीच संबंधों की जटिलता बढ़ रही है, वहाँ पुतिन की ये टिप्पणियाँ एक महत्वपूर्ण संकेत हैं कि बेहतर संवाद और क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
भविष्य और चुनौती
आगे बढ़ते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि वैश्विक शक्तियाँ एक-दूसरे के साथ कैसे संवाद करती हैं। क्या वे अपने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूती देने के लिए कूटनीतिक नीतियों को अपनाएँगी या फिर सामरिक कार्रवाई की ओर वापसी करेंगी? पुतिन की टिप्पणी निश्चित रूप से इस दिशा में अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता को उजागर करती है।
निष्कर्ष
अंततः, आज की वैश्विक राजनीति में कूटनीति का महत्वपूर्ण स्थान है, जैसा कि पुतिन ने संकेत किया है। अमेरिका, भारत, और चीन जैसे प्रमुख देशों के बीच संवाद की कमी, वैश्विक स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती बन रही है। पुतिन की सोच से यह स्पष्ट होता है कि संवाद और सहयोग की पहलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिससे हम एक संतुलित और स्थायी वैश्विक व्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ सकें।