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दीपावली वास्तु: लक्ष्मी के आगमन, ऊर्जा और समृद्धि के टिप्स | दीपोत्सव का महाउत्सव: दिवाली संबंधित ज्ञान…

दिवाली केवल दीप सजाने का पर्व नहीं है, बल्कि यह घर और परिवार की ऊर्जा संतुलित करने तथा समृद्धि के मार्ग खोलने का अवसर भी है। वास्तुशास्त्र में माता लक्ष्मी के आगमन के बारह प्रमुख सूत्र बताए गए हैं। इस पवित्र रात्रि में इन सूत्रों की उपेक्षा बिल्कुल न करें।

1. घर की संपूर्ण स्वच्छता: कचरा, टूटी-फूटी वस्तुएँ और अव्यवस्था सकारात्मक ऊर्जा को रोकती हैं। दिवाली से पूर्व पूरे घर की सफाई अवश्य करें। जहाँ सफाई वहाँ लक्ष्मी निवास करती हैं।

2. झाड़ू का प्रतीक: नया झाड़ू खरीदकर दक्षिण-पूर्वी कोने में रखें। झाड़ू को जमीन पर न रखें और खुले स्थान पर न छोड़ें। झाड़ू घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

3. तोरण और द्वार सजावट: मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्तों का तोरण शुभ माना जाता है। इसमें पीली और लाल फूलों को जोड़ें। यह सौभाग्य का प्रतीक है।

4. रंगोली का स्थान: रंगोली हमेशा मुख्य द्वार के सामने बनाएं। इसमें गोलाकार फूल और शंख आकृति बनाएँ। रंगोली अधूरी न छोड़ें। यह पंचतत्व का प्रतीक है।

5. मुख्य द्वार पर दीपक: लक्ष्मी का प्रवेश मुख्य द्वार से होता है। बाएँ ओर गाय के घी का और दाएँ ओर तेल का दीपक रखें। उंबरठे पर प्रकाश को कम न होने दें।

6. पूजा की दिशा: लक्ष्मी-गणेश की स्थापना उत्तर-पूर्व या पूर्वमुखी करें। पूजा करने वाला पूर्व की ओर बैठे। यहाँ सूर्य के प्रथम किरण का महत्व है।

7. दीपदान की परंपरा: पहला दीपक तुलसी के पास, दूसरा जलस्रोत के पास और तीसरा मुख्य द्वार पर रखें। देवघर में दीपक पूर्व या उत्तर की दिशा में रखें।

8. दीपकों की संख्या: 7, 11 या 21 दीपक रखें। उंबरठे, तुलसी के पास और रसोई में दीपक जलाएँ। रसोई में दीपक अन्नपूर्णा की प्रसन्नता बढ़ाता है।

9. तिजोरी और दिशा: तिजोरी को दक्षिण-पश्चिमी कोने में रखें और मुख उत्तर की ओर हो। यहाँ दीपक लगाने से धनवृद्धि होती है। उत्तर दिशा को कुबेर का स्थान माना जाता है।

10. अन्न और जल का प्रतीक: पूजा में धान्य, गेहूँ और शुद्ध जल रखें। थाली में तांबे के पात्र में जल रखें। धान्य और गेहूँ को लक्ष्मी का अन्न रूप माना जाता है।

11. लाल गाठोड़े का महत्व: लाल कपड़े का गाठोड़ा बनाकर उसमें गोमती चक्र, कवड़, कमलगट्टा और हल्दी की गांठ रखें। पूजा के बाद इसे तिजोरी में रखें।

12. लक्ष्मी आरती और घी: दिवाली की रात गाय के घी का दीपक जलाकर आरती करें। इससे सुख-समृद्धि, व्यापार और विद्या में वृद्धि होती है।

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