भंडारा भाजपा विधायक परिनय फुके ने स्थानीय परिषद में भ्रष्टाचार की जांच को लेकर 25-30 प्रतिशत कमीशन की अफवाहों का आरोप लगाया, साथ ही जांच पर खतरे की चेतावनी दी।

भंडारा में आगामी नगर परिषद चुनावों की पृष्ठभूमि में राजनीतिक माहौल काफी गरमाया हुआ है। दीवाली के अवसर पर आयोजित स्नेह मिलन कार्यक्रम में भाजपा विधायक परिणय फुके के किए गए बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। नगर परिषद में पिछले कुछ वर्षों से…
भंडारा जिले की चारों नगर परिषदों में एक समय भाजपा की सत्ता थी। परिणय फुके ने अपने भाषण में कहा कि नगर परिषदों में कार्यों की मंजूरी के लिए बड़े पैमाने पर दलाली और कमीशन की प्रथा चल रही थी। २५ से ३० प्रतिशत कमीशन दिए बिना किसी का काम नहीं हो पाता था। इसके कारण आम नागरिकों को हानि हुई और निधियों का अपव्यय हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि इस कमीशनखोरी के कारण शहर के विकास की गति रुक गई। भ्रष्टाचार के कारण जनता का विश्वास डगमगा गया है। हमने यदि फिर सत्ता प्राप्त की, तो इन सभी घोटालों की गहन जांच करेंगे और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे, ऐसा ठोस संकल्प फुके ने व्यक्त किया।
इस बयान के कारण भाजपा के विरोधियों को अवसर मिला है। आलोचकों ने कहा कि भाजपा ने अपने ही शासन पर सवाल उठाए हैं। राज्य में भाजपा सत्ता में होने के बावजूद स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में भ्रष्टाचार हुआ, इसकी स्वीकारोक्ति फुके ने की है, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लग गया है। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं ने इस प्रकरण पर भाजपा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह उनके भ्रष्टाचार का स्पष्ट उदाहरण है। दूसरी ओर, भाजपा के स्थानीय पदाधिकारी इस मामले पर मौन साधे हुए हैं।
सत्ताधारी नेताओं द्वारा भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना
भंडारा में स्थानीय राजनीति पर इस बयान का गहरा प्रभाव दिखाई दे रहा है। नगर परिषद चुनावों की पृष्ठभूमि में पार्टी में नाराजगी, गुटबाजी और आर्थिक अनियमितताओं की चर्चा पहले से चल रही थी। परिणय फुके के इस बयान ने इन चर्चाओं को और बल दिया है। सत्ता में रहते हुए भ्रष्टाचार हुआ, और अब सत्ता के ही नेता भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे हैं, ऐसा मतदाताओं में प्रतिक्रिया उत्पन्न हो रही है। कुछ कार्यकर्ताओं ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी के पुराने नेता और अधिकारी जनता के पैसों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
भाजपा के आंतरिक मतभेद के संकेत
इस बीच, परिणय फुके ने अपने बयान के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि मेरा उद्देश्य किसी पर आरोप लगाना नहीं है, बल्कि जो गलत हुआ है उसे सुधारना हमारा लक्ष्य है। जनता के पैसों का एक भी रुपया व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने प्रशासन में पारदर्शिता पर जोर देते हुए भ्रष्टाचार रोकने के लिए मजबूत प्रणाली स्थापित करने का भी आश्वासन दिया। तथापि, उनके बयान ने भाजपा के आंतरिक मतभेद के संकेत दिए हैं और भंडारा की राजनीति और अधिक गर्माने की संभावना बढ़ा दी है। नगर परिषद चुनावों की पृष्ठभूमि में फुके के इस बयान ने अब पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना दिया है।




