जीवन शैली

बांझपन के लक्षण : पुरुषों और महिलाओं के संकेतों का अंतर | शुक्राणु व अंडाणु की गुणवत्ता समझिए | महिलाओं और पुरुषों में बांझपन के लक्षणों की विस्तृत जानकारी

जीवन की उत्पत्ति एक सुंदर अनुभूति है

जीवन की उत्पत्ति एक अत्यंत सुंदर भावना है। संसार के लगभग प्रत्येक दंपति की यह इच्छा होती है कि उन्हें संतान प्राप्त हो। किन्तु कभी-कभी महीनों या वर्षों तक प्रयास करने के बाद भी गर्भधारण नहीं होता। इसका कारण वंध्यत्व (इनफर्टिलिटी) हो सकता है।

वंध्यत्व क्या है?
वंध्यत्व वह स्थिति है जब कोई दंपति बिना किसी गर्भनिरोधक उपाय के नियमित संबंध रखने के बावजूद एक वर्ष तक गर्भधारण नहीं कर पाता। यह समस्या स्त्री, पुरुष या दोनों में से किसी एक में हो सकती है।

कई बार शरीर कुछ छोटे संकेत देकर हमें पहले से सावधान करता है, किन्तु हम उन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। जैसे — महिलाओं में अनियमित मासिक चक्र या पुरुषों में कामेच्छा में कमी होना — ये प्रमुख लक्षण हो सकते हैं।

आज ‘फिजिकल हेल्थ’ में हम वंध्यत्व के लक्षणों पर चर्चा करेंगे। साथ ही जानेंगे —

  • वंध्यत्व के संभावित कारण क्या हैं?

  • कौन से कारक इसके जोखिम को बढ़ाते हैं?

  • और डॉक्टर से सलाह कब लेनी चाहिए?


वंध्यत्व क्या है और यह क्यों होता है?

वंध्यत्व ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भधारण करना कठिन हो जाता है।
महिलाओं में, इसका कारण अंडाणुओं का न बनना, फैलोपियन नलिकाओं का अवरुद्ध होना या हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।
पुरुषों में, इसका कारण शुक्राणुओं की संख्या में कमी, उनकी गुणवत्ता में गिरावट या हार्मोनल समस्या हो सकती है।

अधिकांश मामलों में इसका उपचार संभव है। यदि कारण का समय रहते पता चल जाए, तो दवाओं, जीवनशैली में सुधार या आईवीएफ जैसी आधुनिक विधियों से संतान प्राप्ति संभव है।


वंध्यत्व से संबंधित तथ्य

  • महिलाओं में लगभग 10% को यह समस्या होती है।

  • पुरुषों में शुक्राणुओं से जुड़ी समस्याएँ सबसे सामान्य हैं।

  • दोनों में मोटापा और तनाव प्रमुख जोखिम कारक हैं।

  • उम्र बढ़ने के साथ, विशेषकर 35 वर्ष के बाद, प्रजनन क्षमता घटने लगती है।


महिलाओं में वंध्यत्व के लक्षण

महिलाओं में वंध्यत्व के संकेत प्रायः मासिक धर्म अथवा हार्मोनल बदलावों से जुड़े होते हैं। यदि आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो इन लक्षणों पर ध्यान दें —

  1. अनियमित मासिक धर्म
    सामान्यतः मासिक चक्र 28 दिनों का होता है। यदि आपका चक्र बहुत अनियमित है, तो यह हार्मोनल असंतुलन या पीसीओएस जैसी स्थिति का संकेत हो सकता है। यदि मासिक धर्म 21 दिनों से कम या 35 दिनों से अधिक का हो, तो डॉक्टर से परामर्श लें।

  2. मासिक धर्म का न आना
    यदि गर्भवती न होते हुए भी मासिक धर्म कई महीनों तक न आए, तो यह अत्यधिक तनाव, वजन में अचानक बदलाव या अत्यधिक व्यायाम का परिणाम हो सकता है। इससे अंडोत्सर्जन प्रभावित होता है।

  3. अत्यधिक दर्दयुक्त मासिक धर्म
    मासिक धर्म के दौरान असामान्य रूप से अधिक दर्द या रक्तस्राव एंडोमेट्रिओसिस का लक्षण हो सकता है, जिसमें गर्भाशय की परत बाहर की ओर बढ़ने लगती है।

  4. संभोग के समय दर्द
    यह एंडोमेट्रिओसिस, फायब्रॉइड या संक्रमण का संकेत हो सकता है। यदि दर्द लगातार बना रहे तो चिकित्सक से सलाह लें।

  5. हार्मोनल परिवर्तन
    हार्मोनल असंतुलन से चेहरे पर मुहांसे, बालों का झड़ना, वजन बढ़ना या कामेच्छा में कमी जैसे लक्षण दिख सकते हैं।


पुरुषों में वंध्यत्व के लक्षण

पुरुषों में बाह्य लक्षण कम दिखाई देते हैं, परंतु लैंगिक स्वास्थ्य में परिवर्तन एक संकेत हो सकता है।

  1. हार्मोनल असंतुलन
    टेस्टोस्टेरॉन का स्तर घटने से कामेच्छा में कमी आ सकती है। अचानक थकान, मूड में बदलाव या बालों का झड़ना इसके संकेत हो सकते हैं।

  2. इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता)
    इरेक्शन न होना या लंबे समय तक न टिकना, हार्मोनल असंतुलन, तनाव या अन्य बीमारियों के कारण हो सकता है।

  3. वीर्य से जुड़ी समस्या
    शुक्राणुओं की संख्या या गुणवत्ता में कमी, अथवा प्रतिगामी स्खलन (जहाँ वीर्य मूत्राशय में चला जाता है) समस्या का संकेत है।

  4. अंडकोष में परिवर्तन
    अंडकोष में सूजन, दर्द या गाँठें संक्रमण या वैरिकोसील का लक्षण हो सकती हैं।

  5. मोटापा
    अधिक वजन से हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या दोनों घट सकती हैं।


वंध्यत्व के कारण और जोखिम कारक

महिलाओं में
अंडोत्सर्जन की गड़बड़ी, फैलोपियन नलिकाओं का अवरोध, एंडोमेट्रिओसिस या फायब्रॉइड जैसी समस्याएँ मुख्य कारण हैं।

पुरुषों में
शुक्राणुओं की संख्या में कमी, उनकी गतिशीलता में कमी, या अंडकोष से जुड़ी विकृतियाँ प्रमुख कारण हैं।

दोनों में सामान्य जोखिम कारक:
वृद्धावस्था, धूम्रपान, मद्यपान, तनाव, असंतुलित आहार, संक्रमण, मोटापा आदि।


सामान्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न: वंध्यत्व क्यों होता है?
उत्तर: इसके अनेक कारण हैं — महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, पुरुषों में शुक्राणुओं से जुड़ी समस्या, उम्र, जीवनशैली, संक्रमण या आनुवंशिक कारण।

प्रश्न: संकेत दिखें तो क्या करें?
उत्तर: तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें। महिलाएँ स्त्रीरोग विशेषज्ञ और पुरुष मूत्ररोग विशेषज्ञ से परामर्श करें। आवश्यक जाँचें जैसे शुक्राणु विश्लेषण, अल्ट्रासाउंड या हार्मोन परीक्षण करवाएँ।

प्रश्न: डॉक्टर से कब संपर्क करें?
उत्तर: यदि एक वर्ष के प्रयासों के बाद भी गर्भधारण न हो, या उम्र 35 वर्ष से अधिक हो, तो शीघ्र परीक्षण करवाएँ। अनियमित मासिक धर्म या दर्द जैसे लक्षण हों तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

प्रश्न: प्रजनन क्षमता बनाए रखने के उपाय क्या हैं?
उत्तर:

  • संतुलित आहार लें।

  • नियमित, परंतु सीमित व्यायाम करें।

  • तनाव कम करने हेतु योग या ध्यान करें।

  • धूम्रपान और मद्यपान से दूर रहें।

  • पर्याप्त नींद लें और वजन नियंत्रित रखें।

  • यदि किसी यौन संक्रमण (STI) की आशंका हो तो जांच कराएँ।

लक्ष्य रखें — समय पर निदान और उचित उपचार से वंध्यत्व का समाधान संभव है।

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