“भारत नियंत्रित करता है वैश्विक क्रिकेट”: ग्रेग चैपल ने क्रिस ब्रॉड के दावे का समर्थन किया; खुलासा किया कि उन्होंने इनकार किया था…

भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने कहा है कि भारत पूरे विश्व के क्रिकेट पर नियंत्रण रखता है। चैपल ने पूर्व आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड के बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत अपने प्रभाव का इस्तेमाल नतीजे अपने पक्ष में करने के लिए करता है।
गांगुली के निलंबन को घटाने की मांग हुई थी
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड को दिए साक्षात्कार में चैपल ने खुलासा किया कि बीसीसीआई और आईसीसी के पूर्व प्रमुख जगमोहन डालमिया ने सौरव गांगुली के निलंबन को कम करने की विनती की थी, ताकि वह श्रीलंका में क्रिकेट खेल सकें।
चैपल ने आगे कहा —
“मैंने गांगुली का निलंबन कम करने से इंकार कर दिया। मैं व्यवस्था को बिगाड़ना नहीं चाहता था। गांगुली को अपना निलंबन पूरा करना पड़ा, और उसके बाद डालमिया ने भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।”
तिरंगी सीरीज़ से पहले गांगुली को टीम से बाहर किया गया
साल 2005 में भारतीय टीम श्रीलंका में त्रिकोणीय श्रृंखला खेलने गई थी, लेकिन गांगुली को टीम में शामिल नहीं किया गया। इसी के बाद सौरव गांगुली और ग्रेग चैपल के बीच मतभेद बढ़ते गए।
चैपल के कोच रहते हुए टीम इंडिया 2007 के वनडे विश्व कप के ग्रुप चरण में ही बाहर हो गई थी।
तीन साल भारत के कोच रहे चैपल
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ग्रेग चैपल ने 2005 से 2007 तक भारत के कोच के रूप में कार्य किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने गांगुली से जुड़ी कुछ जानकारियाँ मीडिया को लीक की थीं, जिससे टीम में विवाद उत्पन्न हुआ।
उनकी कोचिंग शैली से कई खिलाड़ी असंतुष्ट थे। चैपल पर आरोप लगा कि उन्होंने गांगुली को कप्तानी छोड़ने के लिए मजबूर किया। 2007 विश्व कप में टीम के शुरुआती दौर में ही बाहर हो जाने के बाद चैपल ने इस्तीफा दे दिया।
क्रिस ब्रॉड ने भी बीसीसीआई पर सवाल उठाए
ग्रेग चैपल से पहले इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर और आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने भी बीसीसीआई पर सवाल उठाए थे।
द टेलीग्राफ से बातचीत में उन्होंने कहा —
“मुझे मैच से पहले एक फोन आया था, जिसमें कहा गया था कि भारत के खिलाफ बहुत सख्ती न बरतें। उन्हें थोड़ा समय दें ताकि वे अपने ओवर रेट में सुधार कर सकें।”
उन्होंने आगे कहा कि मैच शुरू होने से पहले ही राजनीति गर्म थी। अगले मैच से पहले मुझे सख्त रवैया न अपनाने की सलाह दी गई थी।
ब्रॉड ने कहा —
“बीसीसीआई की आर्थिक ताकत के कारण उसे आईसीसी पर काफी नियंत्रण प्राप्त है, और आज के समय में यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है।”
 
				 
					



