जीवन शैली

रेशे से भरपूर सब्जियाँ: 15 बेहतरीन विकल्प, कमी के लक्षण और रोज़ाना फाइबर की मात्रा कैसे बढ़ाएँ |

अमेरिकन डायटरी गाइडलाइंस के अनुसार, एक वयस्क महिला को प्रतिदिन 25 ग्राम और एक वयस्क पुरुष को 35 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। अधिकतर फाइबर फल और सब्ज़ियों से प्राप्त होता है। हालांकि, कुछ सब्ज़ियों में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिनमें जड़ वाली सब्ज़ियाँ सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

गाजर, चुकंदर और शकरकंद फाइबर से भरपूर सब्ज़ियाँ हैं। इसके अलावा, ब्रोकली, फूलगोभी और करेला में भी फाइबर की मात्रा अधिक होती है। फाइबर एक प्रकार का अपाच्य कार्बोहाइड्रेट है।

फास्ट फूड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाने के कारण ज़्यादातर लोग फाइबर से वंचित रह जाते हैं। इससे कब्ज़, थकान और मोटापे जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। फाइबर बच्चों की वृद्धि में मदद करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और वजन नियंत्रित रखने में सहायक होता है।

तो आज “काम की बात” में हम फाइबर के बारे में चर्चा करेंगे —

  • कौन सी 15 सब्ज़ियाँ फाइबर से भरपूर हैं?

  • फाइबर की कमी के लक्षण क्या हैं?

  • अपने आहार में फाइबर की मात्रा कैसे बढ़ाएँ?

विशेषज्ञ: शिल्पी गोयल, आहार विशेषज्ञ, छत्तीसगढ़


प्रश्न: फाइबर क्या है और यह इतना ज़रूरी क्यों है?

उत्तर: फाइबर एक ऐसा कार्बोहाइड्रेट है जिसे हमारा पेट पचा नहीं सकता, लेकिन यह शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह दो प्रकार का होता है:

  • घुलनशील फाइबर – जो पानी में घुल जाता है और आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है।

  • अघुलनशील फाइबर – जो पाचन तंत्र को साफ रखता है।

फाइबर कब्ज़ रोकता है, लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखता है, बार-बार खाने की इच्छा कम करता है और वजन बढ़ने से बचाता है। यह ऊर्जा बनाए रखता है, त्वचा को निखारता है और मधुमेह व हृदय रोगों से बचाव करता है।


प्रश्न: एक व्यक्ति को प्रतिदिन कितना फाइबर लेना चाहिए?

उत्तर: उम्र के अनुसार फाइबर की आवश्यकता बदलती है। अमेरिकन अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के “उम्र + 5” नियम के अनुसार, बच्चे की उम्र में 5 जोड़ें। जैसे, 8 वर्ष के बच्चे को प्रतिदिन लगभग 13 ग्राम फाइबर की ज़रूरत होती है। किशोरों के लिए यह मात्रा 20–25 ग्राम तक होती है।

फाइबर की मात्रा एकदम से न बढ़ाएँ, बल्कि धीरे-धीरे बढ़ाएँ, वरना गैस या पेट फूलने की समस्या हो सकती है।


प्रश्न: किन सब्ज़ियों में फाइबर अधिक होता है?

उत्तर: सब्ज़ियाँ फाइबर का सबसे अच्छा स्रोत हैं। इन्हें सलाद, सब्ज़ी या स्मूदी के रूप में शामिल किया जा सकता है। भारतीय रसोई में आमतौर पर मिलने वाली 15 फाइबरयुक्त सब्ज़ियाँ हैं —
गाजर, चुकंदर, शकरकंद, ब्रोकली, फूलगोभी, करेला, भिंडी, पालक, लौकी, टिंडा, मटर, अरबी, शलजम, बंदगोभी और बैंगन।


प्रश्न: क्या कम फाइबर वाली सब्ज़ियाँ नहीं खानी चाहिए?

उत्तर: ऐसा नहीं है। कम फाइबर वाली सब्ज़ियों में भी प्रति कप लगभग 2–3 ग्राम फाइबर होता है। बीट, प्याज़, पत्ता गोभी और शलजम जैसी सब्ज़ियों से भी फाइबर मिलता है। इन्हें छोड़ना नहीं चाहिए, बल्कि सलाद या पकवानों में शामिल करें।

हर सब्ज़ी में अलग-अलग विटामिन और खनिज होते हैं, जो शरीर को समान रूप से चाहिए। इसलिए हर तरह की सब्ज़ी खानी चाहिए।


प्रश्न: क्या फाइबर केवल सब्ज़ियों में ही पाया जाता है?

उत्तर: नहीं, फाइबर अनाज, दालों, फलों और सूखे मेवों में भी पाया जाता है।
जैसे – ओट्स, ब्राउन राइस, साबुत गेहूँ, चिया सीड्स, सेब, केला आदि।
नाश्ते में ओट्स या फ्रूट सलाद लेना फाइबर का अच्छा स्रोत है।


प्रश्न: क्या सब्ज़ियों का छिलका हटाने से फाइबर कम हो जाता है?

उत्तर: हाँ, कुछ सब्ज़ियों का छिलका नहीं हटाना चाहिए। जैसे – आलू, बैंगन आदि को अच्छी तरह धोकर छिलके सहित खाएँ। कच्ची सब्ज़ियाँ जितना संभव हो, कच्ची ही खाएँ या हल्का भाप में पकाएँ। सब्ज़ियों का रस निकालने से भी फाइबर की मात्रा कम हो जाती है।


प्रश्न: बच्चों के आहार में फाइबर कैसे बढ़ाएँ?

उत्तर: बच्चों को फाइबरयुक्त स्मूदी या हेल्दी फिंगर फूड दें। उनके भोजन में धीरे-धीरे फाइबर वाली सब्ज़ियाँ जोड़ें ताकि पाचन पर असर न पड़े।


प्रश्न: फाइबर युक्त आहार के क्या फायदे हैं?

उत्तर:

  • लंबे समय तक पेट भरा रहता है।

  • खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है।

  • ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।

  • कब्ज़ से राहत मिलती है।

  • वजन नियंत्रण में रहता है।

  • हड्डियाँ और हृदय मजबूत रहते हैं।


प्रश्न: किन लोगों को फाइबर का सेवन नहीं करना चाहिए?

उत्तर:
जिन्हें ये समस्याएँ हों, वे डॉक्टर की सलाह से ही फाइबर लें –

  • कमजोर पाचन तंत्र

  • इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS)

  • पित्ताशय की सर्जरी हुई हो

  • पित्त बनने में दिक्कत

इन परिस्थितियों में अधिक फाइबर गैस, पेट दर्द या फुलावट बढ़ा सकता है।


प्रश्न: शरीर में फाइबर की कमी के क्या लक्षण हैं?

उत्तर:

  • कब्ज़: हफ्ते में तीन बार से कम मल आना या सख्त मल।

  • गैस, पेट फूलना: रिफाइंड कार्ब्स से ये समस्या बढ़ती है।

  • शुगर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ना: फाइबर की कमी का संकेत।

  • लगातार भूख लगना: फाइबर न होने से खाना जल्दी पच जाता है।


प्रश्न: क्या फाइबर की कमी सप्लिमेंट से पूरी की जा सकती है?

उत्तर: हाँ, लेकिन डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है। बाजार में फाइबर पाउडर, कैप्सूल और टैबलेट के रूप में उपलब्ध है।
हालांकि, प्राकृतिक फाइबर सबसे अच्छा होता है — अनाज, फल, सब्ज़ियाँ और दालें सेवन करें।


प्रश्न: ज़रूरत से ज़्यादा फाइबर खाने के नुकसान क्या हैं?

उत्तर:

  • गैस, पेट फूलना या दस्त

  • डिहाइड्रेशन

  • पाचन में दिक्कत
    इसलिए फाइबर की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएँ और पर्याप्त पानी पिएँ।


प्रश्न: फाइबर खाने से अपचन हो तो क्या करें?

उत्तर:
अगर फाइबरयुक्त भोजन से पेट फूले तो सेवन कम करें और अधिक पानी पिएँ। कच्ची सब्ज़ियाँ हल्का पका कर खाएँ। अगर परेशानी बनी रहे, तो डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से सलाह लें।


प्रश्न: क्या फाइबरयुक्त भोजन दिन के किसी भी समय लिया जा सकता है?

उत्तर:
हाँ, लेकिन सुबह या दोपहर में फाइबरयुक्त भोजन लेना सबसे अच्छा है। इससे दिनभर ऊर्जा बनी रहती है और पाचन अच्छा रहता है।
रात में बहुत देर से फाइबर खाना पचाने में कठिन हो सकता है।

admin

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button