6 डिटॉक्स वॉटर जो प्राकृतिक रूप से शरीर से विषैले तत्व और अपशिष्ट को बाहर निकालते हैं | स्वास्थ्य समाचार — भरपूर फराल के बाद शरीर को करें स्वच्छ और तरोताज़ा।

हाल ही में दिवाली के प्रारंभिक पाँच दिन पूरे उत्साह के साथ मनाए गए। इन दिनों में अनेक प्रकार के मीठे और तले-भुने व्यंजन खाए गए होंगे। अब यदि आप पुनः सामान्य दिनचर्या में लौटने का विचार कर रहे हैं, तो डिटॉक्स वॉटर का सेवन शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है। शरीर की शुद्धि करना बहुत आवश्यक है, अन्यथा विषैले पदार्थ और अपशिष्ट अंदर जमा होने लगते हैं। इन हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने के लिए छह प्रकार के रसों का सेवन करना चाहिए। आहार विशेषज्ञ सिमरन भसीन ने इन रसों में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी है।
जैसे हम प्रतिदिन अपने घर की सफाई करते हैं, वैसे ही शरीर की सफाई करना भी आवश्यक है। मूत्रपिंड (किडनी) और यकृत (लिवर) शरीर से अपशिष्ट और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करते हैं। जब ये पदार्थ शरीर में जमा होने लगते हैं, तब संतुलित आहार का सहारा लेना आवश्यक होता है।
पर्यावरण, भोजन और विभिन्न उत्पादों के संपर्क में आने से ये विषैले तत्व शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। असंतुलित आहार और बैठी जीवनशैली के कारण शरीर में हानिकारक तत्वों का जमाव होने लगता है। यह आपकी त्वचा को नुकसान पहुँचा सकते हैं तथा धीरे-धीरे हृदय, मूत्रपिंड और मस्तिष्क की क्रियाशीलता को प्रभावित कर सकते हैं। इसे रोकने के लिए सिमरन भसीन द्वारा बताए गए छह रसों का सेवन करें —
१. चुकंदर का रस (बीटरूट जूस)
आहार विशेषज्ञों के अनुसार चुकंदर में विटामिन ए, बी६, बी१२, सी, डी, ई, के, कैल्शियम, लौह, फॉस्फोरस, पोटैशियम, जिंक, मैग्नीशियम तथा रेशे (फाइबर) पाए जाते हैं। यह शरीर को विषमुक्त करने में सहायता करता है और वजन घटाने में भी उपयोगी है।
२. क्रैनबेरी का रस
क्रैनबेरी में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, प्रोटीन और सैलिसिलिक अम्ल प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसका सेवन करने से शरीर में अतिरिक्त चर्बी कम होती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा यह त्वचा को युवा बनाए रखने में सहायक होता है।
३. गाजर का रस
गाजर में कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैरोटीन, विटामिन ए, बी१, बी३, बी६, सी और के प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को बढ़ाने और शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में सहायक होता है।
४. करेला का रस
करेला विटामिन बी१, बी२, बी३, सी, मैग्नीशियम, फोलेट, जिंक, फॉस्फोरस, लौह और मैंगनीज से भरपूर होता है। इसका रस शरीर को विषमुक्त करने, पाचन सुधारने, चयापचय को सक्रिय करने तथा वजन घटाने में मदद करता है।
५. अनार का रस (डालिंब का रस)
अनार के दानों में कैल्शियम, फोलेट, लौह, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होते हैं। यह शरीर को शुद्ध करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सहायक होता है।
६. नींबू का रस
नींबू शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने, रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने और आंतरिक रूप से शरीर को शुद्ध करने में सहायता करता है। इसके सेवन से विटामिन सी, लौह, जिंक, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम, तांबा, मैंगनीज और सेलेनियम जैसे तत्व प्राप्त होते हैं।




